महोदय /महोदया वर्तमान समय में भारत में रेलवे यातायात में बढ़ रही दुर्घटनाओं को लेकर समाज में यात्रियों के बीच में रेलवे सुरक्षा जांच एजेंसियों पर लगातार खड़े हो रहे प्रश्न को ध्यान में रखते हुए ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे जिस तरीके से 2024 में ट्रेन हादसों की संख्या बड़ी है और हादसों की जमीनी जांच पड़ताल वा तहकीकात ना करके आतंकी साजिश होने की आशंका जताना पुनः प्रश्न खड़ा करती है
महोदय जानकारी के अनुसार भारत के अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में काफी बड़ा उछाल देखा जा रहा है अभी हाल ही में गोंडा रेल दुर्घटना ने उत्तर प्रदेश की रेल दुर्घटनाओं पर सवाल खड़े किए हैं पिछले 16 महीना में पांच से अधिक बड़े रेलवे हादसे हो चुके हैं जिनमें से 350 से अधिक साथियों को जानें गंवानी पड़ी वही 2022 की तुलना में 2024 में 40% रेलवे दुर्घटना में बढ़ोतरी देखी गई है 2014 से 2024 तक 641 रेलवे हादसे हुए हैं जो कि लगभग सालाना 171 हादसे हो रहे हैं एनडीए NDA की सरकार में सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 781 मौतों और 1543 घायल होने की खबरें प्रकाशित हुई हैं चिंता का विषय यह भी होना चाहिए की रेलवे विभाग में 12 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं जिन पर दो करोड़ रोजाना यात्रियों वा माल की जिम्मेवारी है जिसमें से 3 लाख से अधिक पदों की नियुक्ति अभी तक शेष है और इनमें से डेढ़ लाख ऐसे कर्मचारी हैं जो सुरक्षा की नियुक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं जो नियुक्तियां अभी तक नही हुई हैं
पत्र पत्रिकाओं लेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकतर रेलवे दुर्घटना ट्रेनों के ट्रैक से उतर जाने से हो रही हैं जो की घटिया उपकरण तकनीकी में समस्या के कारण हो रही हैं जब हम ट्रिलियन इकोनामी में प्रवेश चुके हैं तब इस तरीके की घटनाएं शर्मसार कर देती हैं
अभी तक सरकारी यूपीए UPA, एनडीए NDA सरकार की तुलना करती हैं 2014 रेलवे बजट 17273 करोड़ था जो 2024 में बढ़कर 1.78 लाख करोड़ हो चुका है जिसमें सरकार सभी मुख्य रेलवे स्टेशनों पर ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन एटीपी ATP यंत्र लगाने की बात करती है जो मात्र एक प्रतिशत ही लग सके हैं जो मानक से कहीं अधिक कम हैं
उत्तर प्रदेश में हुई कुछ रेल घटनाओं का हवाला इस प्रकार है
21 अक्टूबर 2009 मथुरा मेवाड़ एक्सप्रेस में 22 लोगों की जान जाती है तथा दर्जनों लोग घायल हुए
7 जुलाई 2011 ट्रेन के बस से टकराने से 38 लोगों की मौत होती है तथा दर्जनों लोग घायल हुए
2015 वाराणसी देहरादून एक्सप्रेस बगैर स्टॉप सिगनलिंग के कारण चलती चली जाती है 39 यात्रियों की मौत होती है और 150 से अधिक घायल होते हैं
20 नवंबर 2016 इंदौर पटना एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतरते हैं 150 से अधिक लोगों की मौत होती है
19 अगस्त 2017 मुजफ्फरनगर उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगी पटरी से उतरती है और 23 लोगों से अधिक की मौत होती है
20 नवंबर 2016 कानपुर रेल दुर्घटना में 14 डिब्बे पटरी से उतरते हैं और 152 की मृत्यु हो जाती है
इसी क्रम में लगातार आगे बढ़ते हुए 26 मई 2024 हिसार गोरखपुर एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरते हैं और 29 यात्रियों की मौत होती है और 70 से अधिक घायल हो जाते हैं
इसी तरीके से उत्तर प्रदेश में छोटी मोटी मालगाड़ियों को पटरी से उतरने की सैकड़ो घटनाएं सामने आती रहती हैं
बहुआयामी दल के माध्यम से युवा दृष्टिकोण समस्त उच्च शैक्षिक पदाधिकार्यों का संज्ञान लेते हुए समाज हित में रेल दुर्घटना को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय से निम्न प्रकार की मैंगो की अपील करती है
1. लाखों की संख्या में मैकेनिकल ग्रेड से आईटीआई ITI करें इंजीनियर छात्र जिसमें से रेलवे के खुद ही 3 लाख पद रिक्त हैं की जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए
2. रेलवे में छेड़छाड़ पत्थर बाजी की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे का इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों साइड सीसीटीवी CCTV कोच के अंदर ही वा विभाग में लाइव प्रसारण किया जाए
3. रेलवे सुरक्षा आयोग सीआरएस CRS जो की मात्रा 8 से 10% हादसों की ही जांच करता है जिसको बढ़कर 90% तक पहुंचाया जाए
4. रेलवे जनरल बोगी पर गेट पर सफर करने की समस्या को ध्यान में रखते हुए स्लीपर कोच व जनरल कोच की संख्या में बढ़ोतरी की जाए
5. राष्ट्रीय रेलवे संरक्षण कोष RRSK आरआरएसके की फंडिंग को बढ़ाया जाए आरआरएस के फंडिंग का प्रयोग सुरक्षा के कार्यों में ही किया जाए
6. राजधानी लखनऊ से नई दिल्ली को जाने वाली सभी ट्रेनों के मुख्य जंक्शन पर ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन एटीपी ATP यंत्र लगाए जाएं
7. रेलवे सिस्टम प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग EI ईआई ऑटोमेटिक ब्लॉकिंग सिस्टम ऐबीएस ABS सतर्कता नियंत्रण उपकरण वीसीडी VCD, कोहरा सुरक्षा उपकरण एफएसडी AFSD, रेलवे पायलटो को वॉकी टॉकी की सुविधा में बढ़ोतरी की जाए
8. भारत की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वंदे भारत व बुलेट ट्रेनों पर खर्च किए जाने वाले करोड़ों अनावश्यक को वर्तमान रेलवे की स्थिति के उपकरण सुधार में खर्च किया जाए
9. रेलवे रखरखाव तथा कर्मचारियों के मासिक वेतन को ध्यान में रखते हुए वित्री वार्षिक बजट जो मात्र 178012 करोड़ को और अधिक बढ़ाया जाए
10. रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों को आरआरएसके RRSK की फंडिंग के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाया जाए